बृजेश नायक
1-नाम-बृजेश कुमार नायक
2-जन्म स्थान- कैथेरी,जिला -जालौन,उ0प्र0।
3-पता- सुभाष नगर कोंच,पिन-285205 उ0प्र0 ,भारत।
4-संप्रति-स्वतंत्र लेखन
5-साहित्यिक अवदान-
अ-प्रकाशित कृति-जागा हिंदुस्तान चाहिए।
ब-शीघ्र प्रकाशनाधीन कृति- क्रोंच सुऋषि आलोक।
स-अप्रकशित कृति- गीत गुंजन।
द-प्रसारण-आकाशवाणी छतरपुर से काव्य पाठ प्रसारित।
इ-प्रकाशन-देश के प्रतिष्ठित पत्र एवं पत्रिकाओं में रचराएं प्रकाशित।
फ-उपाधियाँ-राष्ट्र भाषा आचार्य एवं जालौन रत्न।
ज-सम्मान-
1-साहित्य गौरव।
2-श्रेष्ठ रचनाकार ।
3-श्रेष्ठ शब्द शिल्पी।
4-साहित्य सौरभ।
5-उक्त के अतिरिक्त आधा दर्जन सेअधिक संसथाओं द्वारासम्मान पत्रों से शोभायमान किया गया।
युवक जाग जाए तो विकसित राष्ट्र भाल छूता विकास का।
सोया तो सदैव हिंसा औ अवनतिमय दुश्चक्र नाश का।
जैसे मानव देश भी वैसा सत्य वार्ता सुनो सुधी मन।
जागे यौवन तब ही बदले दुश्चिंतनमय रूप ह्रास की।
कवि बृजेश नायक की कृति जागा हिंदुस्तान चाहिए का मुक्तक।
नायक मेरा दीप्ति पथ ज्ञान प्रीति रसधार।
सजग चेतनालोकमय यौवन का श्रंगार।।
यौवन का श्रंगार राष्ट् सद्चेत ज्ञान क्रम।
यहाँ हास्य पुचकार
वहाँ है आह आँख नम।।
सचमुच व्यंग त्रिसूल ह्रदय में चुभने
लायक।
सब धर्मों काप्रेम बाल छवि लिखता नायक।।
कवि बृजेश नायक
हिंदी पखवाडा पर "जागा हिंदुस्तान चाहिए" कृति का एक मुक्तक।
निज रुधिर में हिंदी वसी जन- उरसफलघर ध्यान का।
कुछ भी कहो हम नहीँ सहेंगे बोझ अब अज्ञान का।
संस्कृति हमारी विश्व को करती सजग सद् दीप्ति है।
ज्ञानमय सद्कोष भारत मानव -प्रगति विज्ञान का।
कवि बृजेश नायक